केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय का जयपुर परिसर 13 मई 1983 को केन्द्रीय संस्कृत विद्यापीठ के रूप में स्थापित किया गया था। प्रारंभ में इसमें पाँच विभाग — साहित्य, व्याकरण, धर्मशास्त्र, जैन दर्शन और शिक्षाशास्त्र — थे। इस परिसर की स्थापना राजस्थान संस्कृत अकादमी की अनुशंसा तथा तत्समय के राजस्थान के मुख्यमंत्री के अनुरोध पर की गई। प्रारंभ में इसकी कक्षाएँ राजस्थान संस्कृत अकादमी भवन से संचालित हुईं तथा तत्पश्चात् किराये के विभिन्न स्थानों — के-14 अशोक मार्ग, सी-स्कीम; महावीर मार्ग, संग्राम कॉलोनी; गणेश मार्ग, बापू नगर — पर स्थानांतरित होती हुई अन्ततः सन् 2003 में गोपालपुरा बायपास, त्रिवेणी नगर स्थित अपने वर्तमान भवन में स्थापित हुईं।
राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की अनुशंसा पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय, उच्च एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग, शास्त्री भवन, नई दिल्ली के अधिसूचना संख्या 9-28/2000-U.3 दिनांक 7 मई 2002 द्वारा “मान्य विश्वविद्यालय” घोषित किया गया। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने भी उक्त घोषणा की अधिसूचना जारी की।
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